राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की पूर्व बेला में आज 13.09.2023 को महिला कॉलेज चाईबासा के बी.एड. बहुउद्देशीय भवन में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर व्यक्तित्व झांकी सह कविता वचन का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्रभारी प्राचार्या डोरिस मिंज ने हिंदी के महत्व को बताया। व्यक्तित्व झांकी में चैती कुजूर ने मीराबाई, सरिता बिरुआ ने निर्मला पुतुल, सुभद्रा कुमारी ने सरोजिनी नायडू, पूजा कुमारी गोप ने सुभद्रा कुमारी चौहान, आरती कालिंदी ने पद्मा सचदेव, सुप्रिया कर मोदक ने हरिवंश राय बच्चन, श्रद्धा बोस ने अमृता प्रीतम , सोनल विश्वकर्मा ने कुमार विश्वास, आशा रानी ने कृष्णा सोबती , सुुप्रिया ऐकत ने सावित्रीबाई फुले, रेशमा मुर्मू ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला तथा
आरिशी साक्षी ने रामधारी सिंह दिनकर की व्यक्तित्व झांकी प्रस्तुत की । श्रुति लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसका संचालन धनंजय कुमार ने किया। कार्यक्रम में बी.एड. विभाग के विभागाध्यक्ष मोहम्मद मोबारक करीम हाशमी, डॉ ओनिमा मानकी , डॉ अर्पित सुमन टोप्पो, शीला समद, मदन मोहन मिश्रा, धनंजय कुमार और सितेंद्र रंजन सिंह उपस्थित थे। व्यक्तित्व झाँकी में सेमेस्टर 3 की रेशमा मुर्मू को प्रथम स्थान, सेमेस्टर 2 की श्रद्धा बोस को द्वितीय स्थान, सेमेस्टर 3 की आरिशी साक्षी को एवं सेमेस्टर 2 की सोनल विश्वकर्मा को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। निर्णायक मंडली में सुजाता किस्पोट्टा, शीला समद , सितेंद्र रंजन सिंह और धनंजय कुमार रहे। इस अवसर पर प्राध्यापकों के द्वारा भी कविता प्रस्तुत किया डॉ अर्पित सुमन ने कुँवर नारायण की कविता अंतिम ऊँचाई प्रस्तुत की और कहा कविता भाषा का एक ऐसा माध्यम है , जिसके द्वारा मन की भावना व्यक्ति की जाती है। सितेंद्र रंजन सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रचित कविता मौत से ठन गई का वाचन किया। मौके पर उपस्थित
सभी शिक्षकों ने हिंदी के महत्व पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किया।