दिनांक 16.10.2023 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस( 10.10.2023) के अवसर पर आई.क्यू.ए.सी. ,मनोविज्ञान विभाग तथा बी.एड. विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एंड तनाव प्रबंधन रखा गया। इसके अंतर्गत उपविषय मानसिक स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, मानसिक बीमारी और तनाव एवं तनाव प्रबंधन रखा गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ धर्मेंद्र रजक (असिस्टेंट प्रोफेसर, नैदानिक मनोविज्ञानी कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा) एवं डॉ भाग्यश्री कर (नैदानिक मनोविज्ञानी , डायरेक्टर ब्रेन डायनॉमिक्स) रहे। कार्यशाला के मुख्य वक्ताओं , प्राचार्या और प्राध्यापकों के द्वारा
दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। प्राचार्या डॉ प्रीतिबाला सिन्हा ने स्वागत भाषण के द्वारा मुख्य वक्ताओं, प्राध्यापकों एवं सभी छात्राओं का स्वागत किया। बी एड विभागाध्यक्ष मोबारक करीम हाशमी ने कार्यशाला के उद्देश्य को बताया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ भाग्यश्री कर ने मानसिक स्वास्थ्य की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मुख्य विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि 1992 से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुवात हुई। उन्होंने बताया किन बातों का ध्यान रखकर प्रत्येक वर्ष 1996 से अब तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हेतु विषय का चयन किया जाता रहा है। दूसरे सत्र में डॉ धर्मेंद्र रजक ने मानसिक बीमारियों से अवगत कराया। उन्होंने दैनिक जीवन में होने वाले मानसिक बीमारियों के बारे में बताया। तीसरे सत्र में डॉ भाग्यश्री कर ने तनाव और तनाव प्रबंधन के महत्वपूर्ण बातों को उदाहरण सहित प्रस्तुत किया। उन्होंने एक एक्टिविटी करवाया गया। जिसके द्वारा तनाव के स्तर को मापा गया। उसके बाद डॉ धर्मेंद्र रजक के द्वारा छात्राओं के बीच इंटरेक्शन सेशन चलाया गया जिसमें छात्राओं ने प्रश्न पूछे जिनका उत्तर दोनों वक्ता ने दिया। मंच संचालन आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ अर्पित सुमन और धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. डोरिस मिंज ने किया। इस अवसर पर डॉ सुचिता बाड़ा, डॉ ओनिमा मानकी, डॉ राजीव लोचन नमता, प्रो. प्रीति देवगम, प्रो बबीता कुमारी, प्रो शीला समद, प्रो सीतेंद्र रंजन सिंह , प्रो मदन मोहन मिश्रा , प्रो धनंजय कुमार , प्रो सुमन कुमारी, प्रो शताब्दी दत्ता एवं बी.एड. विभाग, मनोविज्ञान विभाग और हिंदी विभाग की छात्राएँ उपस्थित रहीं।